HISTORY

मौलिक कर्तव्य क्या है

मौलिक कर्तव्य क्या है और इनका क्या महत्व है व्यक्ति के विकास के लिए अधिकार और कर्तव्य दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। वस्तुतः एक कर्तव्य पालन से व्यक्ति के अधिकारों की प्राप्ति होती है। भारत के संविधान में अधिकार को मूल रूप से विद्यमान हैं परंतु नागरिकों के मूल कर्तव्यों को स्वर्ण सिंह समिति की सिफारिश के …

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भारत का संवैधानिक विकास के प्रमुख चरण

भारत का संवैधानिक विकास कैसे हुआ भारत के संवैधानिक विकास में कोई अचानक से  बदलाव नहीं आए थे. बल्कि यह एक चरणबद्ध तरीके से अंग्रेजों द्वारा लागू किए गए विभिन्न एक्टों और बिलों का का परिणाम था. अंग्रेजों ने समय-समय पर नए नए प्रावधान किए और नए-नए एक्ट पारित किए।  इन प्रावधानों का यहां विवरण …

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उत्तर कालीन मुगल साम्राज्य का उत्थान और पतन

उत्तर कालीन मुगल साम्राज्य की जानकारी उत्तर कालीन मुगल साम्राज्य के अंतर्गत मार्च 1707 ईसवी में अहमदनगर में औरंगजेब की मृत्यु के पश्चात भारतीय इतिहास में एक नए युग की शुरुआत हुई जिसे इतिहासकारों ने ‘उत्तर मुगलकाल‘ नाम दिया। यह काल मुगल साम्राज्य के पतन तथा विघटन का काल था औरंगजेब की मृत्यु के साथ …

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प्राचीन भारत का इतिहास की हिंदी में जानकारी

प्राचीन भारत का इतिहास की जानकारी प्राचीन भारत का इतिहास: “इतिहास भूत/अतीत को समझाने का एक महत्वपूर्ण साधन है. किसी भी देश/समाज के इतिहास के अध्ययन से हमें उस देश या समाज के अतीत को जान सकते हैं और अतीत का आशय उस समाज या राष्ट्र की सभ्यता और संस्कृति होता है. और संसार के …

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भारत के प्रमुख जनजातीय आंदोलन

भारत में जनजातीय आंदोलन कौन-कौनसे हुए भारत के प्रमुख जनजातीय आंदोलन: कोया विद्रोह,खामती विद्रोह,दीवान बेलाटम्पी का विद्रोह,विजय नगर का विद्रोह,कूका विद्रोह,खोण्डा डोरा विद्रोह,युआन जुआंग विद्रोह,खंड एवं सवार विद्रोह,नागा विद्रोह,सूरत का नमक विद्रोह,पाइक विद्रोह,फकीर विद्रोह,पाॅलीगार विद्रोह,बहावी आंदोलन,सावंतवादी विद्रोह,कच्छ विद्रोह,किट्टूर विद्रोह,गडकरी विद्रोह,बघेरा विद्रोह,भील विद्रोह,फरायजी विद्रोह,अहोम आदिवासी विद्रोह,पागलपंथी विद्रोह,खासी विद्रोह,चुआर विद्रोह,संथाल विद्रोह,कोल विद्रोह,मुंडा एवं हो विद्रोह,पूर्वी भारत में …

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भारत के प्रमुख मजदूर आंदोलन

भारत के प्रमुख मजदूर आंदोलन मजदूर आंदोलन के संकेत सबसे पहले 1870 ईसवी से दिल्ली शुरू हो गए 18 से 70 ईसवी में बंगाल के शशि पद बनर्जी ने मजदूरों के लिए एक क्लब स्थापित किया और भारत श्रमजीवी नामक पत्रिका का प्रकाशन किया अपने लिए जो के खिलाफ हड़ताल के रूप में मजदूरों की …

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प्रागैतिहासिक काल की विस्तृत जानकारी हिंदी में

प्रागैतिहासिक काल की जानकारी धरती की परत का विकास 4 अवस्थाओं में हुआ है. जिसमे अंतिम अर्थात चौथी अवस्था क्वाटर्नरी कहते हैं. इसे दो चरणों में विभक्त किया गया है – अद्यतन(होलोसीन) और अतिनवीन(प्लायिस्तोसिन). मनुष्य का पृथ्वी पर अतिनवीन(प्लायिस्तोसिन) अवस्था के अंतर्गत उत्पन्न हुआ और संसार के अन्य जीव जैसे- हाथी, बकरी, घोडा, मोर, हिरण, …

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UPSSSC प्राचीन भारत का इतिहास ancient history of india

प्राचीन भारत का इतिहास ancient history of india “इतिहास भूत/अतीत को समझाने का एक महत्वपूर्ण साधन है. किसी भी देश/समाज के इतिहास के अध्ययन से हमें उस देश या समाज के अतीत को जान सकते हैं और अतीत का आशय उस समाज या राष्ट्र की सभ्यता और संस्कृति होता है. और संसार के प्रत्येक देश …

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